प्रशासनिक विधि का अर्थ,,,
प्रशासनिक विधि सार्वजनिक विधि की वह शाखा है का संबंध शासन के विभिन्न अंगों के संगठन कृत्यों अधिकारों ताथा दायित्व से है।
प्रशासनिक विधि का उद्देश्य का उद्देश्य,,
प्रशासन के अनुचित अवैध कार्यों पर नियंत्रण रखना है प।
जीनियस महोदय ने कहा है की प्रशासनिक विधि प्रशासन से संबंध रखने वाली विधि है प्राधिकारियों के संगठन शक्तियों और कर्तव्य को निश्चित करती है मत को इंग्लैंड के अनक विद्वानों ने स्वीकार भी किया ह
सरल शब्दों में,, प्रशासनिक विधि को प्रशासनिक प्राधिकारी की शक्तिका विज्ञान कहा जा सकता है प्रशासनिक प्राधिकारियों की शक्तियों का अध्ययन निम्न तीनशीर्षकों के अंतर्गत किया जा सकताहै पहला विधायिक दूसरा न्यायिक तीसरा कर्यकारिणी।। प्रशासनिक विधि प्रशासन के उपयुक्त अधिकारों केप्रयोग पर बल देती है।
प्रशासनिक विधि के क्षेत्र
- विभिन्न प्रशासनिक निकायों का अध्ययन जैसे केंद्रीय राजस्व बोर्ड सलाहकार बोर्ड जांच आयोग टैरिफ आयोग आदि
- प्रशासनिक अभिकरणों के न्यायिक कृतियों का अध्ययन जैसे औद्योगिक न्यायिक अधिकरण आयकर पुनर्विचार न्यायाधिकरण आदि
- प्रशासनिक अभिकरणों की विधि निर्माण करने की क्षमता जिसके अंतर्गत प्रत्यायोजित विधान आता है शक्तियों के दुरुपयोग की स्थिति में न्यायिक नियंत्रण के माध्यम से उपचार प्रदान किया जाना
- प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग पर उपचार रितु जैसे परमादेश उत्प्रेषण बंदी प्रत्यक्षीकरण आदि लेख जारी किए जाते हैं उनका अध्ययन करना
- प्रक्रिया संबंधी गारंटी अर्थात नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन किया जाना
- लोक निगम
7केंद्र तथा राज्य सरकार का अपने प्राधिकारियों द्वारा की गई अपकृत्य तथा संविदा संबंधित दायित्व का अध्ययन किया जाता है।