हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 (Hindu Marriage Act, 1955) के तहत तलाक का मुकदमा पारिवारिक न्यायालय (Family Court) में दाखिल किया जाता है। अगर किसी क्षेत्र में परिवारिक न्यायालय नहीं है, तो यह मामला जिला न्यायालय (District Court) में सुना जा सकता है।
मुकदमा दाखिल करने का स्थान:
- पक्षकारों का निवास स्थान: जहाँ पति-पत्नी (पति या पत्नी में से कोई एक) निवास करते हैं।
- विवाह संपन्न होने का स्थान: जहाँ विवाह संपन्न हुआ हो।
- पक्षकारों का अंतिम साथ का निवास स्थान: जहाँ पति-पत्नी ने अंतिम बार एक साथ निवास किया हो।
- उत्तरदाता (Respondent) का निवास स्थान: जहाँ उत्तरदाता (जिस पर मुकदमा किया जा रहा है) वर्तमान में रह रहा हो।
- अभियोगी का निवास स्थान: यदि उत्तरदाता का निवास स्थान भारत के बाहर हो या उसकी जानकारी न हो, तो मुकदमा अभियोगी (जो मुकदमा कर रहा है) के निवास स्थान पर दायर किया जा सकता है।
प्रासंगिक कानून:
- धारा 19, हिंदू विवाह अधिनियम, 1955: यह धारा तलाक से संबंधित मुकदमा दाखिल करने के स्थान को परिभाषित करती है।
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