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शिया और सुन्नी मुस्लिमों में विवाह के प्रकार और उनके शून्यता (Void), शून्यकरणीय (Irregular), और सही (Valid)

Posted on January 15, 2025January 15, 2025 By soni.vidya22@gmail.com No Comments on शिया और सुन्नी मुस्लिमों में विवाह के प्रकार और उनके शून्यता (Void), शून्यकरणीय (Irregular), और सही (Valid)

शिया और सुन्नी मुस्लिमों में विवाह के प्रकार और उनके शून्यता (Void), शून्यकरणीय (Irregular), और सही (Valid) होने का वर्गीकरण इस्लामी कानून की व्याख्या और परंपराओं के अनुसार थोड़ा भिन्न हो सकता है। नीचे इनका वर्गीकरण प्रस्तुत किया गया है:

—

सुन्नी मुस्लिम कानून में विवाह का वर्गीकरण

1. सही निकाह (Valid Marriage)

यह वह विवाह है जो इस्लाम के सभी शर्तों को पूरा करता है।

मेहर तय हो।

गवाह उपस्थित हों।

दोनों पक्षों की सहमति हो।

किसी धार्मिक निषेध (प्रोहिबिशन) का उल्लंघन न हो।

2. फासिद निकाह (Irregular Marriage)

यह विवाह वैध नहीं माना जाता, लेकिन इसमें सुधार कर इसे सही बनाया जा सकता है।

गवाहों की अनुपस्थिति।

मेहर तय न किया जाना।

पति और पत्नी के बीच किसी अस्थायी निषेध का होना (जैसे इद्दत के दौरान विवाह करना)।

3. बातिल निकाह (Void Marriage)

यह विवाह पूरी तरह अवैध होता है और इसे मान्यता नहीं दी जाती।

रक्त संबंधियों के बीच विवाह।

दूध के रिश्ते (रजाई रिश्ते) के बीच विवाह।

एक व्यक्ति का पहले से वैध विवाह होने पर दूसरा विवाह बिना अनुमति के करना।

इस्लाम से बाहर के किसी व्यक्ति से विवाह।

—

शिया मुस्लिम कानून में विवाह का वर्गीकरण

1. सही निकाह (Valid Marriage)

शिया कानून में सही विवाह की शर्तें सुन्नी कानून के समान ही होती हैं।

2. फासिद निकाह (Irregular Marriage)

शिया कानून में फासिद निकाह की अवधारणा नहीं है। शिया विधि के अनुसार, विवाह या तो सही होता है या बातिल (शून्य)।

3. बातिल निकाह (Void Marriage)

शिया कानून में निम्नलिखित विवाह शून्य माने जाते हैं:

रक्त संबंधियों के बीच विवाह।

रजाई (दूध के रिश्ते) के बीच विवाह।

पति या पत्नी के किसी और के साथ पहले से वैध विवाह के दौरान दूसरा विवाह।

किसी गैर-मुस्लिम से विवाह।

4. मुताह निकाह (Temporary Marriage)

शिया मुस्लिमों में मान्य है। यह एक निश्चित अवधि के लिए किया जाता है।

सुन्नी मुस्लिम इसे पूरी तरह अवैध (बातिल) मानते हैं।

—

मुख्य अंतर शिया और सुन्नी में

फासिद निकाह: शिया कानून में फासिद निकाह का प्रावधान नहीं है। विवाह या तो सही होता है या बातिल।

मुताह निकाह: शिया समुदाय इसे वैध मानता है, जबकि सुन्नी इसे अवैध (बातिल) मानते हैं।

गवाह: सुन्नी मुस्लिमों में गवाह की उपस्थिति आवश्यक है, जबकि शिया मुस्लिमों में गवाहों की आवश्यकता नहीं होती।

नोट: इस्लामी कानून के ये प्रावधान विभिन्न न्यायालयों और समुदायों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।

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