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मुस्लिम विवाह में -कोजुगल राइट्स- (Conjugal Rights)

Posted on January 15, 2025January 15, 2025 By soni.vidya22@gmail.com No Comments on मुस्लिम विवाह में -कोजुगल राइट्स- (Conjugal Rights)

मुस्लिम विवाह में “कोजुगल राइट्स” (Conjugal Rights) का अर्थ पति और पत्नी के बीच वैवाहिक अधिकारों और कर्तव्यों से है, जो शारीरिक, भावनात्मक और कानूनी संबंधों से जुड़े होते हैं। यह अधिकार पति और पत्नी दोनों को एक-दूसरे के साथ रहने, शारीरिक संबंध बनाने, और एक-दूसरे का साथ पाने के लिए दिए गए हैं। इस विषय को समझाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णयों का संदर्भ दिया जा सकता है:

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1. मोहमद अहमद खान बनाम शाह बानो बेगम (1985)

इस ऐतिहासिक मामले में मुस्लिम विवाह और पत्नी के अधिकारों पर चर्चा की गई।

यह मामला मुख्य रूप से तलाक और गुजारा भत्ता (maintenance) से संबंधित था, लेकिन इसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि पति और पत्नी के बीच वैवाहिक अधिकारों की रक्षा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार की जानी चाहिए।

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2. सरला मुद्गल बनाम भारत संघ (1995)

इस मामले में बहुविवाह और धर्म परिवर्तन के विषय में चर्चा हुई।

यह स्पष्ट किया गया कि मुस्लिम विवाह एक कॉन्ट्रैक्चुअल यूनियन (संविदात्मक संबंध) है, और इसमें पति-पत्नी के अधिकारों को आपसी सहमति और जिम्मेदारियों के आधार पर लागू किया जाना चाहिए।

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3. खुरशीद अहमद बनाम फातिमा बीबी (1913)

इस मामले में स्पष्ट किया गया कि पति-पत्नी के बीच कोजुगल राइट्स को मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार देखा जाएगा।

यदि पति या पत्नी में से कोई भी दूसरे पक्ष को छोड़ देता है, तो प्रभावित पक्ष को अदालत में “रेस्टिट्यूशन ऑफ कंजुगल राइट्स” (Restitution of Conjugal Rights) के लिए याचिका दायर करने का अधिकार है।

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मुख्य बिंदु:

1. वैवाहिक अधिकार:

पति और पत्नी का एक-दूसरे के साथ रहने, देखभाल करने, और शारीरिक संबंध बनाने का अधिकार।

2. कानूनी सुरक्षा:

यदि कोई पक्ष अपने अधिकारों से वंचित होता है, तो वह अदालत में “रेस्टिट्यूशन ऑफ कंजुगल राइट्स” की मांग कर सकता है।

3. इस्लामी कानून:

मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार, विवाह एक अनुबंध है जिसमें पति और पत्नी के अधिकार और कर्तव्य स्पष्ट होते हैं। इसमें कोजुगल राइट्स का पालन करना अनिवार्य है।

4. तलाक का प्रभाव:

यदि तलाक हो जाता है, तो कोजुगल राइट्स समाप्त हो जाते हैं, लेकिन महिला को गुजारा भत्ता (maintenance) का हक हो सकता है।

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निष्कर्ष:

मुस्लिम विवाह में कोजुगल राइट्स पति-पत्नी के बीच वैवाहिक जीवन को संतुलित और स्थिर बनाए रखने के लिए जरूरी हैं। इन अधिकारों को कानूनी और धार्मिक दोनों आधारों पर संरक्षित किया गया है।

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